Friday, February 17, 2023

Sad Poetry

 

✍️💔
दिल ना जाने
किस कशमकश में है।
किसी अंजाने से डर
की गिरफ्त में है।

पलकें भीगी है
नब्ज भी धीमी सी है ।
जैसे सब कुछ होकर भी
रही कुछ कमी सी है।

दिल सहमा सा है
लब्ज भी खामोश है।
जैसे हम जिंदा होकर भी
लग रहे लाश हैं।

रातें चीख़ रही हैं भीतर
दिन के उजालों में भी,
जैसे मातम मना रहा हो कोई
मन के भीतर ,त्योहारों में भी।

#love #distopia #diwali #thaughts #lifelessons

No comments:

Post a Comment